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नए संसद भवन पर डिप्टी सीएम ने बोला हमला संसद का बहिष्कार करना दोगले चरित्र को दर्शाता

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आज नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले विरोधियों पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने एक लंबी सूची देकर बताया कि कब-कब किन-किन अवसरों पर इन्हीं विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को निमंत्रित
नए संसद भवन पर डिप्टी सीएम ने बोला हमला संसद का बहिष्कार करना दोगले चरित्र को दर्शाता

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आज नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले विरोधियों पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने एक लंबी सूची देकर बताया कि कब-कब किन-किन अवसरों पर इन्हीं विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को निमंत्रित नहीं किया था. नए संसद भवन का बहिष्कार करना विपक्षी पार्टियों के दोगले चरित्र को दर्शाता है. संसद 140 करोड़ जनता की लोकतंत्र पर आस्था का मंदिर है. इसका बहिष्कार करना लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान करना है. विपक्षी सिर्फ सत्ता के सौदागर हैं. पीएम नरेंद्र मोदी का मुकाबला करना इनके बस का नहीं है. ये कुर्सी और सत्ता के लिए एक साथ आ रहे हैं. इनके पास न नेता हैं, न नीति है और न ही नीयत है. मोदी को हराना इनका सपना है, जो पूरा नहीं होगा. इन शब्दों में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीसने विपक्ष पर हमला बोला. देवेंद्र फडणवीस ने कल से लेकर आज तक दूसरी बार नए संसद भवन का बहिष्कार करने वाली विपक्षी पार्टियों और अरविंद केजरीवाल के मुंबई आकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर कटाक्ष किया है. नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का उद्धव ठाकरे गुट समेत 20 राजनीतिक दलों ने बहिष्कार करने का ऐलान किया है. बीजेपी समेत 17 दल इसके समर्थन में हैं. इनमें से 4 विपक्षी दल भी शामिल हैं. नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है. विपक्षी दलों का कहना है कि यह उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों किया जाना चाहिए. लेकिन निमंत्रण पत्र में तो उनका नाम ही नहीं है. राष्ट्रपति को नजरअंदाज करना लोकतंत्र का मजाक करने के समान है. इस तर्क को देवेंद्र फडणवीस ने हास्यास्पद बताया है.  देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, ‘इंदिरा गांधी ने जब संसद भवन के एनेक्स बिल्डिंगका उद्घाटन किया था और राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया था तब सवाल क्यों नहीं उठे इंदिरा गांधी ने महाराष्ट्र विधानभवन का उद्घाटन किया और राज्यपाल को आमंत्रित नहीं किया तब सवाल क्यों नहीं कियागया राजीव गांधी ने संसद की लाइब्रेरी का उद्घाटन किया और राष्ट्रपति को नहीं बुलाया तब किसी ने कुछ क्यों नहीं कहा? मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने मणिपुर विधानभवन का उद्घाटन किया और राज्यपाल को नहीं बुलाया  तब सवाल क्यों नहीं किया गया

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